शुक्रवार, दिसंबर 31, 2010
किंकरी देवी की पुण्य तिथि
रविवार, नवंबर 14, 2010
जवाहर लाल नेहरू
शनिवार, अक्तूबर 02, 2010
महात्मा गांधी की जयंति
आज 2 अक्तूबर है और आज गांधी जी की जयंति है।
महात्मा गांधी को उनकी जयंति पर श्रधांजलि।
2 October 1869 – 30 January 1948)
रविवार, मई 02, 2010
हिमाचल निर्माता डा0 यशवंत सिंह परमार
बुधवार, दिसंबर 30, 2009
किंकरी देवी की पुण्य तिथि
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गुरुवार, दिसंबर 24, 2009
राज ........ पिछले जन्म का
बुधवार, अक्तूबर 14, 2009
रुमाल
मंगलवार, अक्तूबर 13, 2009
सितार का अविष्कार
मंगलवार, अगस्त 04, 2009
मलाणा गाँव एक बार फिर चर्चा में
पिछले दिनों टीवी चेनलों और समाचार पत्रों में मलाणा में सिकंदर के वंशजों की खोज के समाचार चर्चा के विषय रहे ! स्वीडन ने मलाणा में सिकंदर की वंशावली को जानने के लिए एक परियोजना हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जन जातीय अध्ययन विभाग को दिया है ! 356 -323 ईसा पूर्व विश्व विजयी बनाने निकला सिकंदर का मलाणा से क्या रिश्ता रहा होगा यह अब शोध का विषय बन गया है ! 326 ईसा पूर्व व्यास नदी के तट पर पोरस को हरा कर सिकंदर आगे बढ़ गया था ! पोरस को तो सिकंदर को उसका राज्य लोटा दिया था परन्तु साथ ही कई विद्वान् और ब्राहमणों को अपने साथ ले गया था ! वेसे देखा जाये तो मलाणा की स्थानीय बोली काफी अलग है ! बोली में कई शब्द यूरोपीय भाषा में आज भी प्रयुक्त होते है ! स्वीडन की उपासला विश्वविद्यालय की इस परियोजना में इसे प्रचलित लगभग 600 शब्दों की सूचि तैयार की गई है जो मलाणा के लोगों और सिकंदर के वंशजों के संबंधों के बारे में पता लगाने में सहायक होगी ! मत्वपूर्ण है की मलाणा में प्रयुक्त होने वाली बोली हिमाचल प्रदेश के किसी अन्य क्षेत्र में नहीं बोली जाती ! शोध का करण है की यहाँ के लोगों के चेहरे आँखों बालों आदि की बनावट के साथ कई समानताएं सिकंदर के वंशजों से मिलती है !
खैर..... मलाणा गाँव अपनी अलग परम्परों के कारण तो आकर्षण का विषय था ही अब मलाणा के लोगो का सिकंदर के वंशजों से सम्बन्ध शोध का विषय बन गया है !
रविवार, जुलाई 26, 2009
कारगिल के शहीदों को नमन
शुक्रवार, जुलाई 24, 2009
धैर्य
सरदार वल्लभभाई पटेल से हम सभी परिचित हैं। देश की आजादी की लड़ाई और उसके बाद यहां की अलग-अलग रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने को लेकर उनके अमूल्य योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा है। सरदार पटेल फौजदारी के वकील थे। उनका सिद्धांत था कि निर्दोष अभियुक्त को हर कीमत पर बचाया जाए। वे कोई भी केस हाथ में लेने से पहले उसका सूक्ष्म अध्ययन करते। जब उन्हें पूरा विश्वास हो जाता कि अभियुक्त निर्दोष है, तभी वे उसका मुकदमा लड़ने को तैयार होते। एक बार वे किसी फौजदारी केस की पैरवी कर रहे थे। मामला संगीन था। तनिक भी असावधानी से अभियुक्त को फांसी हो सकती थी। उसी समय किसी व्यक्ति ने उनके नाम का तार लाकर उनके हाथों में थमा दिया। उन्होंने जल्दी से तार पढ़ा और जेब में रखकर पुन: पैरवी करने लगे। अदालत का वक्त खत्म होने के बाद वे हड़बड़ी में बाहर निकले। यह देख उनके एक साथी वकील ने उद्विग्नता का कारण जानना चाहा। सरदार पटेल बोले - मेरी पत्नी का स्वर्गवास हो गया है। तार उसी बारे में था। साथी वकील बोला - कमाल है! इतना बड़ा हादसा हो गया और आप बहस करते रहे। तब पटेल बोले - मेरी पत्नी तो जा ही चुकी थी। क्या उसके पीछे उस निर्दोष अभियुक्त को भी फांसी पर चढ़ने के लिए छोड़ देता? सरदार पटेल की यह कत्र्तव्यनिष्ठा संकेत करती है कि बड़े से बड़े संकट में भी व्यक्ति को अपने कत्र्तव्य पालन से पीछे नहीं हटना चाहिए। कत्र्तव्यशीलता धैर्य को जन्म देती है और यही धैर्य विपत्तियों से लड़ने का साहस देता है।
शनिवार, जुलाई 11, 2009
शहीद सतीश वर्मा
बडागांव के सतीश वर्मा ने एक छोटी से आयु में स्थानीय विद्यालय और अन्य युवाओं को राष्ट्र सेवा का सन्देश दिया !21 अप्रेल 1972 को पिता करम चंद और माता अमलू देवी के घर जन्मे सतीश वर्मा ने राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक पाठशाला बडागांव से मार्च 1988 में दसवी की परीक्षा पास की और द्वितीय बटालियन डोगरा रेजिमेंट में भारती हुए ! साहसिक कामों के परिणाम स्वरुप सतीश वर्मा को अनेक प्रन्संसा पात्र दिए गए ! 1991 से 93 में इन्होने जालंधर के सी ऐ आपरेशन के दौरान काकड़ सेक्टर में दुश्मनों का जम कर सामना किया और कारगिल की ऊँची चोटी ओ पी हिल पर कब्जा करने के दौरान सुरक्षा में महत्वपूरण भूमिका निभाई ! ओपरेशन के समय वे राजस्थान में तेनात थे ! इसके बाद जून 2001 में इन्हें मश्कोह घाटी कारगिल भेजा गया जहाँ सतीश वर्मा को सिपाही से लांस नायक की पदौनती दी गई ! 11 जुलाई 2001 को द्वितीय बटालियन डोगरा रेजिमेंट के सी आई ओपरेशन के समय गुरेज सेक्टर के ब्रोब गाँव में पेट्रोलिंग लाइन पर चोकसी के दौरान दुश्मनों से मुठभेड़ हुई ! इसमें सतीश वर्मा ने तीन दुश्मनों को ढेर किया ! और स्वयं भी मातृभूमि पकी रक्षा करते हुए शहीद हो गए ! 15 जुलाई 2001 को शहीद सतीश वर्मा का अंतिम संस्कार राजकीय वरिषीथ माद्यमिक पाठशाला बडागांव के मैदान में किया गया ! गाँव के लोगों सतीश वर्मा के सहपाठियों परिवारजनों और 1832 एलटी रेजिमेंट के कमांड ऑफिसर ऐ के मोरे सहित मेजर जे सी ओ तथा सेना के जवानों रामपुर बुशेहर के एस डी एम अरविन्द शुक्ला डी एस पी रामपुर बुशेहर सहित अनेक लोगो ने शहीद सतीश वर्मा को श्रधासुमन अर्पित किये ! पाठशाला परिसर में शहीद सतीश की प्रतिमा विद्यालय के छात्रों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती है !
शुक्रवार, जुलाई 10, 2009
मौत को यादगार बनाने की हसरत
शिमला, डलहौजी, कसौली और मैकलोडगंज में स्थित सिम्रिटी को पर्यटन निगम की वेबसाइट में डाला जाएगा। इन कब्रों में दफन अंग्रेजों के नाम-पते और लोकेशन भी वेबसाइट में डाली जाएगी। सिम्रिटी टूरिज्म के तहत प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को पर्यटन निगम के होटलों में रियायत दी जाएगी। सभी कब्रिस्तानों में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इसमें वहां दफन लोगों की पूरी जानकारी होगी। केंद्रीय पर्यटन विभाग और संस्कृति मंत्रालय ने राज्य सरकार को कब्रिस्तानों की दशा सुधारने को कहा है। केंद्र सरकार के आदेश के बाद पर्यटन विभाग प्रदेश के प्रमुख स्थानों में स्थित सिम्रिटी के डाक्यूमेंटेशन में लगा है। यह हर वर्ग के पर्यटकों के लिए नया आकर्षण होगा, खासतौर से उन पर्यटकों को जिनके पूर्वज यहां की मिट्टी में दफन हैं। चंबा में पहला कुष्ठ रोग अस्पताल अंग्रेज डॉ. जॉन हचिसन ने खोला था। डॉ. हचिसन ने पूरी उम्र चंबा में रहकर कुष्ठ रोगियों की सेवी की। उनकी दिली तमन्ना थी कि उन्हें चंबा में ही दफनाया जाए। उनके परिजनों ने उनकी यह ख्वाहिश पूरी की। उनकी ओर से बनाया गया अस्पताल अभी तक चल रहा है। वर्ष 1862 में भारत में आए ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड एलगिन को यह क्षेत्र स्कॉटलैंड की तरह लगा। वर्ष 1863 में अधिकारिक दौरे के दौरान एलगिन की बीमारी के कारण मौत हो गई। उनके क्षेत्र के प्रति लगाव के चलते उन्हें इस चर्च की कब्रगाह में दफनाया गया। यह प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण कब्रगाहों में से एक है। इसके संरक्षण का जिम्मा पुरातत्व विभाग के पास है। वर्ष 1905 में आए भीषण भूकंप में ब्रिटिश अधिकारियों और कर्मचारियों सहित मारे गए ब्रिटिश सैन्य जवानों की मौत के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने जिला मुख्यालय को यहां से शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। ब्रिटिश शासन के दौरान मारे गए 400 के लगभग सैनिकों को यहीं दफनाया गया है। लॉर्ड एलगिन के पड़पोते एडम ब्रूस सहित अन्य परिजन भी यहां आकर श्रद्धांजलि अर्पित कर चुके हैं। पालमपुर और कांगड़ा में भी ब्रिटिश काल के कब्रिस्तान मौजूद हैं। कसौली स्थित सिम्रिटी 200 वर्ष पुरानी है, जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी के कई आला ऑफिसर और सैनिकों को दफन किया गया है। करीब तीन सौ साल पहले कसौली में अंग्रेजों ने छावनी स्थापित की थी।
मंगलवार, जून 16, 2009
हिमाचल में थे कभी अद्भुत जीव
देव भूमि हिमाचल प्रदेश की गुबसूरत वादियों में कभी विशालकाय जीवों और पक्षिओं का भी बसेरा होता था ! भूगर्भ वैज्ञानिकों एक टीम के अध्ययन से यह जानकारी मिली है ! टीम को हिमाचल की घाटी से शुतुरमुर्ग जेसे दानवाकार पक्षी के एक करोड़ साल पुराने अंडे के जीवाश्म मिले है ! पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के अनुसंधानकर्ताओं की टीम के नेतृत्व में भूगर्भ शाश्त्रिओं ने अत्यंत प्राचीन अंडे के जीवाश्म को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के हरिताल्या नगर क्षेत्र से खोज निकला है १ हरिताल्या शिमला से लगभग 250 किलोमीटर दूर है ! टीम का दावा है की अंडे का जीवाश्म शुतुरमुर्ग परिवार के पक्षी जेसे ही किसी विशालकाय जीव का है ! टीम को अंडो के 85 जीवाश्म मिले है ! अनुसंधानकर्ताओं की टीम में शामिल विश्वविद्यालय के एडवांस जीओलोजी केंद्र के विशेषज्ञों ने पाया की ये जीवाश्म ४० वर्ग सेंतिमेटर के बहुत छोटे से क्षेत्र से मिले है ! इनके रंग बाहरी आवरण की मोती समान है ! इनमें से कुछ एक दुसरे के साथ गुंथें हुए थे ! इससे संकेत मिलाता है की सभी जीवाश्म एक ही अंडे का हिस्सा है ! जिस क्षेत्र में ये जीवाश्म मिले है वहां से पहले भी कई प्राचीन जीवों के जीवाश्म मिल चुके है इनमें लंगूर बन्दर घोडे हिरन और कई तरह के कीट शामिल है ! इस तरह के जीवाश्मों के मिलाने से पता चलता है की यह क्षेत्र प्राचीन समय में घने जंगलों बड़ी घास और पानी के झरनों से घिरा अत्यंत रमणीय रहा होगा ! परन्तु लगभग 85 लाख साल पूर्व वातावरण में ए एकाएक परिवर्तन के कारन बहुत से जीव लुप्त हो गए !
सोमवार, जून 08, 2009
माइकल जेक्सन को किसने मारा ?
अमर उजाला में एक ख़बर छपी है जिसे पाठकों की रूचि के लिए यहाँ दे रहा हूँ ! इस ख़बर के मुताबिक बर्मिघम के विश्वविध्यालय अलाबामा के एक विशेषज्ञ ने कहा है इस स्पेम वायरस का प्रयोग साईबर अपराधी कई हफ्तों से कर रहे है जिस पर नज़र रखी जा रही है !यूएबी के कम्पूटर फारेंसिक शोध निदेशक गैरी वार्नर ने कहा है की इन साईबर अपराधियों ने वाइरस एक ईमेल जोड़ दिया है ! वाइरस स्पेम में मोजूद संदेश पर जो भी क्लिक करता है उसे इस प्रश्न का उतर तो नही मिलता की जेक्सन को किसने मारा लेकिन उसके कंप्युटर में वायरस जरूर पहुँच जाता है ! यह वायरस बेंक खातोंऔर पासबर्ड जेसी जानकारी भी आपके कंप्युटर से चुरा सकता है !
इससे पूर्व सेलिब्रेटीयों के नाम पर वायरस बन चुके है ! मोनिका लेविसकी वायरस क्लिक करते ही मेमोरी की पुरी जगह घेर लेता है ! टाइटेनिक वायरस कम्पूटर को डाउन कर देता है ! बिल क्लिंटन वायरस सिस्टम कोप्राप्त कराने से रोकेगा ! सद्दाम हुसेन वायरस सिस्टम के किसी भी प्रोग्राम को इस्तेमाल नही कराने देगा ! आर्नोल्ड श्वार्ज नेगर वायरस कम्पूटर प्रेग्राम को पुरी तरह ख़तम कर देता है ! इसी प्रकार कई हस्तियों के नाम पर वायरस है !