कारगिल युद्घ प्रदेश के लोगो लिए मात्र एक युद्घ ना हो कर ऐसी विजय गाथा है जिसे 52 वीर योधाओं ने अपने प्राणों की आहुति दे कर लिखा ! इन शहीदों की कुर्बानी के आलावा हमारे अनेक वीर जवानों ने जो अभूतपूर्व सहस दिखाया उसे सुन कर आज हम गौरवान्वित होते है ! इन शेर दिल जवानों के कारण ही 25 जुलाई 1999 को हमने एक इतिहास की रचना की ! यह पल अमर शहीदों को श्रधांजलि अर्पित करने और उनके बलिदान पर अभिमान करने का है क्योंकि जब हिमाचल के वीर जवान सीमा पर नज़र रखते है तो दुश्मन भीतर तक हिल जाता है ! कारगिल के योधाओं में पालमपुर के विक्रम बतरा धरमशाला के सौरभ कालिया प्रमुख है! शिमला जिला से जिन जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी उनमे यशवंत सिंह, नरेश कुमार , अनत राम, प्रमुख है जबकि राजीव कुमार ने अपनी टांगे खोई ! सोलन से दो वीर जवानों धरमेंदर और प्रदीप कुमार ने युद्घ क्षेत्र में अपनी बहादुरी से दुशमनों के दांत खट्टे किये !मंडी जिला के सरवन कुमार, राजेश चौहान नरेश कुमार गुरदास, श्याम लाल, जगदीश, टेक चंद, दीपक गुलेरिया , हिरा सिंह, खेम चंद राणा, पूरण चंद, किशन चंद, ने वीरता दिखाई ! सिरमौर जिला के नाहन से कुलविंदर सिंह , कुल्लू जिला से डोला राम हमीरपुर से कश्मीर सिंह, राज कुमार, दिनेश कुमार, दीप चंद, स्वामी दास चंदेल, राकेश कुमार, प्रवीण कुमार, सुनील ने अपनी अभूतपूर्व वीरता का प्रदर्शन कर प्राणों की आहुति दी ! आज विजय दिवस के अवसर पर सभी भारतीय सैनिकों को अनेकानेक नमन !
रविवार, जुलाई 26, 2009
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