
देव भूमि हिमाचल प्रदेश की गुबसूरत वादियों में कभी विशालकाय जीवों और पक्षिओं का भी बसेरा होता था ! भूगर्भ वैज्ञानिकों एक टीम के अध्ययन से यह जानकारी मिली है ! टीम को हिमाचल की घाटी से शुतुरमुर्ग जेसे दानवाकार पक्षी के एक करोड़ साल पुराने अंडे के जीवाश्म मिले है ! पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के अनुसंधानकर्ताओं की टीम के नेतृत्व में भूगर्भ शाश्त्रिओं ने अत्यंत प्राचीन अंडे के जीवाश्म को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के हरिताल्या नगर क्षेत्र से खोज निकला है १ हरिताल्या शिमला से लगभग 250 किलोमीटर दूर है ! टीम का दावा है की अंडे का जीवाश्म शुतुरमुर्ग परिवार के पक्षी जेसे ही किसी विशालकाय जीव का है ! टीम को अंडो के 85 जीवाश्म मिले है ! अनुसंधानकर्ताओं की टीम में शामिल विश्वविद्यालय के एडवांस जीओलोजी केंद्र के विशेषज्ञों ने पाया की ये जीवाश्म ४० वर्ग सेंतिमेटर के बहुत छोटे से क्षेत्र से मिले है ! इनके रंग बाहरी आवरण की मोती समान है ! इनमें से कुछ एक दुसरे के साथ गुंथें हुए थे ! इससे संकेत मिलाता है की सभी जीवाश्म एक ही अंडे का हिस्सा है ! जिस क्षेत्र में ये जीवाश्म मिले है वहां से पहले भी कई प्राचीन जीवों के जीवाश्म मिल चुके है इनमें लंगूर बन्दर घोडे हिरन और कई तरह के कीट शामिल है ! इस तरह के जीवाश्मों के मिलाने से पता चलता है की यह क्षेत्र प्राचीन समय में घने जंगलों बड़ी घास और पानी के झरनों से घिरा अत्यंत रमणीय रहा होगा ! परन्तु लगभग 85 लाख साल पूर्व वातावरण में ए एकाएक परिवर्तन के कारन बहुत से जीव लुप्त हो गए !
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himachal pradesh hamesha se apne aap me bahut kuchh samaye huye hai
जानकारी से भरपूर आलेख. बधाई.
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