रुमाल आज हमारी एक खास ज़रूरत बन चुका है ! नाक हाथ या अपना पसीना साफ करने के लिए लोग इसका प्रयोग करते है ! यह बात बहुत कम लोग जानते है की रुमाल का प्रचालन कब और कहाँ हुआ ? रुमाल बनाने का विचार सबसे पहले इंग्लेंड के रजा रिचर्ड दो को सूझा उसने फ्रांस के राजा की बेटी से शादी की ! राजा बनाने के बाद रिचर्ड ने महसूस किया की उसके हाथ साफ़ करने और नाक पोंछने के लिए जो तोलिया काम में लिया जाता है वो बहुत ही वजन दार होता है ! तब उसने हुकुम दिया की सुन्दर रंगीन कपडों के छोट्टे छोट्टे टुकडे काट कर हाथ और नाक साफ करने के लिए तैयार किये जाये ! बस कपडे के छोटे टुकडे आगे चल कर रुमाल के रूप में प्रसिद्ध हुए ! अब जीवन में रुमाल एक महत्वपूरण हिस्सा और सभ्यता की निशानी बन चुके है ! हिमाचल प्रदेश में चम्बा का रुमाल संसार में काफी प्रसिद्ध है !
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2 Reviews:
बढिया जानकारी.
रौशन जी इस रोचक जानकारी के लिए शुक्रिया . वैसे चंबा रुमाल की एक विशेषता यह भी है कि इस पर कि गयी कढ़ाई दोनों ओरे से एक सी दिखाई देती है.कुछ मास पूर्व एक प्रदर्शनी में एक बड़े आकार का चंबा रुमाल था जिसकी कीमत २.५ लाख रूपए थी .
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