google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : रुमाल

बुधवार, अक्तूबर 14, 2009

रुमाल

रुमाल आज हमारी एक खास ज़रूरत बन चुका है ! नाक हाथ या अपना पसीना साफ करने के लिए लोग इसका प्रयोग करते है ! यह बात बहुत कम लोग जानते है की रुमाल का प्रचालन कब और कहाँ हुआ ?  रुमाल बनाने का विचार सबसे पहले इंग्लेंड के रजा  रिचर्ड दो को सूझा उसने फ्रांस के राजा की बेटी से शादी की ! राजा बनाने के बाद रिचर्ड ने महसूस किया की उसके हाथ साफ़ करने और नाक पोंछने के लिए जो तोलिया काम में लिया जाता है वो बहुत ही वजन दार होता है ! तब उसने हुकुम दिया की सुन्दर रंगीन कपडों के छोट्टे छोट्टे टुकडे काट कर हाथ और नाक साफ करने के लिए तैयार किये जाये ! बस कपडे के छोटे टुकडे आगे चल कर रुमाल के रूप में प्रसिद्ध हुए ! अब जीवन में रुमाल एक महत्वपूरण  हिस्सा और सभ्यता की निशानी बन चुके है !  हिमाचल प्रदेश में चम्बा का रुमाल संसार में काफी प्रसिद्ध है !

2 Reviews:

वन्दना अवस्थी दुबे on 14 अक्तूबर 2009 को 12:18 pm बजे ने कहा…

बढिया जानकारी.

aarkay on 1 जनवरी 2010 को 4:46 pm बजे ने कहा…

रौशन जी इस रोचक जानकारी के लिए शुक्रिया . वैसे चंबा रुमाल की एक विशेषता यह भी है कि इस पर कि गयी कढ़ाई दोनों ओरे से एक सी दिखाई देती है.कुछ मास पूर्व एक प्रदर्शनी में एक बड़े आकार का चंबा रुमाल था जिसकी कीमत २.५ लाख रूपए थी .

एक टिप्पणी भेजें

" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !

 
ब्लोगवाणी ! INDIBLOGGER ! BLOGCATALOG ! हिंदी लोक ! NetworkedBlogs ! हिमधारा ! ऐसी वाणी बोलिए ! ब्लोगर्स ट्रिक्स !

© : आधारशिला ! THEME: Revolution Two Church theme BY : Brian Gardner Blog Skins ! POWERED BY : blogger