आदमी कितना बेईमान है? ये तो समय रहते ही पता चलता है।
कब और कहां बेईमानी कर जाए कोई पता ही नहीं चलता।
कल कुछ खरीदारी करने बाजार गया तो अगरबत्ती भी खरीदी।
वो जो डिपो के पास दुकान है हमेशा वही से अगरबत्ती खरीदता हूँ। वहां वेरायटी मिल
जाती है। पिछले एक साल से वहां से अगरबत्ती खरीद रहा हूँ । कल अपनी पसंद के चार
पैकेट ले लिये हमेशा की तरह। घर आ कर एक पैकेट खोलना चाहा तो शंका हुई कि पैकेट
खुला हुआ है। सभी चार चेक किये तो सभी खुले थे और उसमें अगरबत्ती अलग अलग संख्या
में थी।
आदमी कब क्या कर जाए कोई पता नहीं ।
देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गई.......