सच कह ही दूं तो राज खुल जायेगा,
तू बता रुसवा हो कर कहां जायेगा।
ये
दुनिया है बेदर्द बेरंग,
अहसान फरामोश,
दावा
है मेरा धोखे खा के तू सम्भल जाएगा।
मत
मटक इतना मत इतरा मत गरूर कर,
मर
जायेगा मिट जाएगा फिर
किधर जाएगा।
उसने
कहा तेरे बिना जीना है नामुमकिन,
सच
सच बता ये झूठ कितनों को सुनाएगा।
मत बता गणित तू मुझे सम्बन्धों का,
कौन
सगा कौन पराया मुझे समझायेगा।
आग
का दरिया है ना कर इश्क नादां,
विक्षिप्त
ही तो है कहीं भी फिसल जाएगा।
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