google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : आदमी भोंकता है

बुधवार, सितंबर 14, 2022

आदमी भोंकता है

 ये रात

बेहद भयावहीँ है,

मुहल्ले में सन्नाटा क्यों है,

शहर के

सभी कुत्ते सौ गए है,

अब वो भोकते नहीं,

वो जान गए 

भोंकना अब अर्थहीन है

अब 

आदमी भोंकता है

बेहद शांति से

और खामोशी से।

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