हिमाचल प्रदेश के बंजार घाटी में वर्ष 1984 में बने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को धरोहर बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसे लेकर पार्क प्रबंधन ने भारत सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है। वहीं, केंद्र ने भी इसके लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। 1980 में हिमालय वन्य प्राणी प्रोजेक्ट के तहत व्यासर नदी क्षेत्र में इसका सर्वेक्षण हुआ और 1984 में कुल्लू जिला के बंजार उपमंडल में जीवानाला, सैंज वैली, तीर्थन घाटी के 765 वर्ग किमी क्षेत्र को मिलाकर घाटी के वन्य प्राणी संरक्षण के लिए इसकी स्थापना की गई। अभी पार्क क्षेत्र के 266 वर्ग किमी क्षेत्र में इसका वन्य प्राणी विहार फैला है। पार्क की न्यूनतम उंचाई १५क्क् मीटर
और अधिकतम 6140 मीटर है। यहां पर्वतारोहण के नए रूट खोजे जाने से देशी-विदेशी साहसिक पर्यटकों का आवागमन बढ़ा है। वन्य प्राणियों के संरक्षण, दुर्लभ वनस्पतियों, वन संपदा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी बढ़ावा दिया जा रहा है। पार्क क्षेत्र में बर्फानी तेंदुआ, हिमाचली थार, कस्तूरी मृग, ब्राउन बीयर, मोनाल, जाजुराणा समेत लगभग 9 हजार पशु पक्षी विचरण करते हैं। यहां प्राकृतिक व नैसर्गिक सौंदयं का बेजोड़ संगम है।
2 Reviews:
pahaadi ilaakon main ghumne ka aanand hi kuch aur hai waise to main bhi Gangtok main hun !! par niklne ka maukaa nahi miltaa !!achhi jaankari dete hain aap !!
बहुत शानदार जानकारी है, आभार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
एक टिप्पणी भेजें
" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !