google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : अटूट रिश्ते

बुधवार, जुलाई 15, 2009

अटूट रिश्ते

रिश्ते स्वर्ग से बनकर आते हैं। लाहौल स्पीति के उदयुपर उपमंडल में हिंदू और बौद्ध धर्म की आस्था की संगमस्थली त्रिलोकनाथ गांव में भगवान त्रिलोकनाथ की जन्मस्थली सातधारा में आज भी रिश्ते की यह डोर बलवती होती जा रही है। 3 साल में यहां एक बार देवता की विहार यात्रा होती है और यह यात्रा रविवार देर रात को संपन्न हुई। इस शोभा यात्रा में देवता त्रिलोकनाथ के प्रतीक को सफेद कपड़े में लपेटकर सफेद घोड़े के ऊपर रखकर लाया जाता है। यह दूरी करीब 15 किलोमीटर की होती है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शिरकत करते हैं। सातधारा के पवित्र स्थल पर पहुंचने पर त्रिलोकनाथ की पूजा-अर्चना करने पर सातधारा की पवित्र झील में शुद्धिकरण करते हैं। इस मौके पर श्रद्धालु भी पवित्र पानी में सराबोर हो जाते हैं। उसके बाद उस रस्म को निभाया जाता है जिसका श्रद्धालुओं को इंतजार होता है। वहां पर हर व्यक्ति अपनी निशानी रखता है और उस पर अपनी पहचान के लिए चिन्ह लगा देता है। पुजारी में देवता का समावेश होने के कारण वह उन निशानियों को जोड़ियों में निकालता है। जो जोड़ी निकलती है उनका आपस में भाई-भाई व भाई-बहन का रिश्ता होता है। श्रद्धालु भी उस अटूट रिश्ते को देवता का आशीर्वाद मानकर इसे सहर्ष स्वीकार करते हैं। यहां का ऐसा भी इतिहास रहा है एक बार पति-पत्नीभी इस धार्मिक उत्सव की रस्म में पति-पत्नी से भाई-बहन बन चुके हैं। आज भी यह दोनों इस रस्म को पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं। देवता कारदार का कहना है कि इस तरह के रिश्तों में अभी तक कड़वाहट नहीं आई है। उसे श्रद्धालु देवते का आशीर्वाद मानकर सगे रिश्ते की तरह निभाते आ रहे हैं।

0 Reviews:

एक टिप्पणी भेजें

" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !

 
ब्लोगवाणी ! INDIBLOGGER ! BLOGCATALOG ! हिंदी लोक ! NetworkedBlogs ! हिमधारा ! ऐसी वाणी बोलिए ! ब्लोगर्स ट्रिक्स !

© : आधारशिला ! THEME: Revolution Two Church theme BY : Brian Gardner Blog Skins ! POWERED BY : blogger