नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद खूबसूरत है। इसे भारत का ‘लेक डिस्ट्रिक्ट’ कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। इसकी भौगोलिक विशेषता निराली है। एक बार आने पर ही यह जगह अधिकांश लोगों को अपना दीवाना बना लेती है। 1847 के आसपास नैनीताल मशहूर हिल स्टेशन बना, अंग्रेज तो इसे समर कैपिटल भी कहते थे। यहां झील के आसपास बने शानदार बंगलों और होटलों में रुकने का अपना ही मजा है। अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरा। अपने बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाने के लिए अंग्रेजों को यह जगह काफी पसंद आई थी। उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए भी व्यापक इंतजाम किए थे। नैनी लेक/स्नो व्यू पर्यटकों के लिए यह सबसे ज्यादा खूबसूरत साइट है। खासतौर से तब जब सूरज की किरणों पूरी झील को अपने आगोश में ले लेती हैं। यह चारों तरफ से सात पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां बोट राइड और पैडलिंग का भी आनंद उठाया जा सकता है। मुख्य शहर से तकरीबन ढाई किमी दूर बनी इस जगह तक पहुंचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टूरिस्ट स्थलों में से एक है। एक बार घूमने में इसका जादू सिर चढ़कर बोलता है। नैना पीक/चाइना पीक 2611 मीटर की ऊंचाई पर बसी यह चोटी इस जगह का सबसे ज्यादा ऊंचा इलाका है। आपके पास अगर दूरबीन है तो नैना पीक के नजारे आप आसानी से देख सकते हैं। गर्नी हाउस यह अंग्रेज शासक जिम कॉर्बेट का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चहुंओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। यह घर अब एक म्यूजियम की शक्ल ले चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएं यहां मौजूद हैं। किलबरी/मुक्तेश्वर अगर आप शांत और सौम्य वातावरण में छुट्टियां गुजारना चाहते हैं तो इसके लिए यह जगह बिल्कुल उपयुक्त है। केबल कार के जरिए यहां पहुंचकर जंगल हाउस में रात गुजारने का अनुभव अलग ही आनंद देता है। यहां ऊपरी चोटी पर शिव मंदिर भी है यानी देशाटन और तीर्थाटन एक साथ।
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3 Reviews:
नैताल की सुन्दर जानकारी के लिए आभार.
sundar laga nainital par yah post
nainital bhraman karwane ka sukriya sir!!
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