google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : रुलाया नहीं करते

बुधवार, फ़रवरी 28, 2018

रुलाया नहीं करते

वेबजह घर से यूँ जाया नहीं करते
मां को अपनी रुलाया नहीं करते।

उदास है, चिंतित है सब यहां 
रिश्तों को यूं पराया नहीं करते ।

बहने देखे रंगों और राखी को एकटक
बिन अपनो के उत्सव भाया नहीं करते। 

भर जाती है रौनके तुम्हारी  मुस्कराहटों से 
लुकाछिपी से अपनों को सताया नहीं करते ।

बदरंग, दोगली, अहसानफरामोश  है ये दुनिया
राह चलते को कभी मेहमान बुलाया नहीं करते । 

1 Reviews:

दिगम्बर नासवा on 5 मार्च 2018 को 8:05 pm बजे ने कहा…

वाह ...
माँ को यूँ रुलाया नहीं करते ... हर शेर अलग अन्दाज़ का लाजवाब ...

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