गधे घोड़े में अंतर ज़रा समझाइये जनाब,
नियम उप नियम क्या है बताइये जनाब।
बन्द कमरों में योजनाएं बनानी है आसान ,
कभी यथार्थ के धरातल पर भी आइये जनाब।
हमी से ये बाग बागीचे और शानो शौकत,
दो मिट्ठे बोल और गले तो लगाइये जनाब।
हर इल्ज़ाम हमी पर हम सब चोर है क्या,
शक अगर है इतना तो थाना बैठाइए जनाब।
टूट जाये दिल गुम जाए अरमान तुमको क्या,
ग्राहक बहुत है आप दुकान सजाइये जनाब।
शासक जनता का फर्क समझता है विक्षिप्त,
प्रजा है आपकी इतना मत हड़काइये जनाब
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