छोड़िये कटुता मीत बन जाइए
पराजित की जीत बन जाइए
क्षण भंगुर जीवन का क्या है पता
फैलाकर मधुरता संगीत बन जाइए
मंगलवार, जनवरी 31, 2017
मीत
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 Reviews:
अति सुन्दर .
एक टिप्पणी भेजें
" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !