नींद चीज है बड़ी उंघते रहिए
बेफिक्री में आंखे मूंदते रहिए
आग लगती है लगे हमको क्या
आम दशहरी जनाब चूसते रहिए
मौका मिले तो तंज कर लो
नहीं तो मस्ती में झूमते रहिए
आसां नहीं है अहम को तोड़ना
दुनिया अजब है घूमते रहिए
अदाकार आप खूब है जनाब
सूत्रधार की भूमिका निभाते रहिए
बातें विक्षिप्त की है आपसे बाहर
हंसी चेहरे पर कूटिल दिखाते रहिए
1 Reviews:
Sir ji
Namaskar ........ye gazal behtrin hai
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