बुधवार, जून 10, 2009
करेला तो भाई करेला है तभी तो नीम चढा है ...
करेले का नाम सुनते ही जीभ में कड़वाहट सी खुल जाती है ! परन्तु इसके कड़वेपन पर ना जायें , औषधीय गुणों की दृष्टि से यह किसी भी अन्य सब्जी या फल से कम नहीं है ! करेला ग्रीष्म ऋतू की खुश्क तासीर वाली सब्जी है ! इसमें फास्फोरस प्रयाप्त मात्रामें पाया जाता ! यह कफकी शिकायत को दूर करता है ! दमा होने पर बिना मसाले की छोंकी हुई करेले की सब्जी खाने पर फायदा होता है १ पेट में गैस बनने या अपच होने पर करेले के रस का सेवन करना चाहिए! लकवे के मरीज को कच्चा करेला बहुत लाभदायक रहता है! उलटी दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिला कर सेवन कराने से तुंरत लाभ मिलता है ! यकृत संबंधी बिमारियों के लिए तो करेला रामबाण औषधि है! जलोदर रोग होने या यकृत बढ जाने पर आधा कप पानी में दो बढ़ी चमच करेले का रस मिला कर ठीक होने तक रोजाना तीन चार बार सेवन करने से लाभ होता है ! पीलिया रोग में पानी में करेला पीसकर खाने से लाभ पहुँचता है ! तो मित्रों करेला खाइए और स्वस्थ रहिये ! जीवन है तो जहान है .........
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4 Reviews:
करेला तो करेला है .....तभी तो नीम जैसा कडुआ है . बहुत बढ़िया. जानकर अच्छा लगा.
bahut achha laga !
hanji aanvale ka savad bhi to bad me hi aataa hai bdiya aabhaar
आप क्या कोई वैद्य है? अच्छी जानकारी है
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