भारतीय छात्रों पर ओस्ट्रेलिया में हमले और नस्लीय व्यवहार की लगातार बढाती घटनायों पर सिवा इसके क्या कहा जाये की वैश्विक मंदी के दोर में अपने रोज़गार और संसाधनों की चिंता में डूबे विकसित मुल्क उन हथकंडों की तरफ बढ़ रहे है जो अंतत सबसे ज्यादा नुकसान उन्ही का करेगे ! हाल तक भारतीय छात्र उच्च और पेशेवर शिक्षा लेने ओस्ट्रेलिया को एक सुरक्षित देश मानते रहे है ! परन्तु इसी वर्ष मेलबोर्न के आस पास भारतीय छात्रों को निशाने पर लिया जा रहा है ! अब यह साफ है की छात्र उच्च शिक्षा तथा रोज़गार के लिए सोच विचार के बाद ही ओस्ट्रेलिया जाने का विचार करेंगे ! भारत सर्कार ने इन घटनाओं पर निंदा व्यक्त की है ! परन्तु वहा की सरकार और पुलिस का कार्य संतुष्ठी नहीं देता है ! पुलिस का कहना की हर जगह पर सुरक्षा नहीं दी जा सकती दुर्भाग्य पूर्ण है ! ओस्ट्रेलिया को भारतीय विद्यार्थियों से आर्थिक लाभ तो होता ही है और वहा की सरकार को बाहरी छात्रों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए ! तभी अभिभावक अपने बच्चों को बाहर भेजेगे ! ओस्ट्रेलिया ही नहीं अपितु अन्य देश भी शिक्षा शिविर लगा कर सुविधाओं और सुरक्षा का प्रचार तो करते है परन्तु हिंसक घटनाओं पर चुपी साध लेते है !
यदि भारत सरकार विदेशों जेसी सुविधाएँ भारत में ही देना शुरू कर दे और भारतीय शिक्षा संस्थानों को आधुनिक बना दे तो अभिभावकों को अपने बच्चों को बाहर देशों में नहीं भेजना पढेगा ! विदेशों में खर्च होने वाला पैसा भी भारत में ही रहेगा ! भारत प्राचीन समय से विश्व गुरु रहा है परन्तु आधुनिकता की यात्रा में हमारा पश्चमी कर्ण होता जा रहा है ! हमें अपनी संस्कृति और शिक्षा प्रणाली पर गर्व होना चाहिए ! और विश्व को दिखा देना चगिये की हम अपने ही संसाधनों के पर पर दुनिया को जीत सकते है !
यदि भारत सरकार विदेशों जेसी सुविधाएँ भारत में ही देना शुरू कर दे और भारतीय शिक्षा संस्थानों को आधुनिक बना दे तो अभिभावकों को अपने बच्चों को बाहर देशों में नहीं भेजना पढेगा ! विदेशों में खर्च होने वाला पैसा भी भारत में ही रहेगा ! भारत प्राचीन समय से विश्व गुरु रहा है परन्तु आधुनिकता की यात्रा में हमारा पश्चमी कर्ण होता जा रहा है ! हमें अपनी संस्कृति और शिक्षा प्रणाली पर गर्व होना चाहिए ! और विश्व को दिखा देना चगिये की हम अपने ही संसाधनों के पर पर दुनिया को जीत सकते है !
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हम अपने खुद के मुल्क में यही सब करते हैं और होते हुए देखते हैं....अपने ही मुल्क के दुसरे
राज्यों से आये लोगों के साथ फिर कैसे और किस मुंह से उन्हें बुरा कहें
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