तस्वीरें
मूक नहीं होती
कह देती है
अनगिनत शब्द
बेहद खामोशी से,
तस्वीरें
खुश भी होती है
तस्वीरेंं
गमगीन भी होती है
सह लेती है
सब, सभी कुछ
बेहद खामोशी से,
तस्वीरें
मांगती कुछ भी नहीं,
सदैव देती है
अल्हाद, अवसाद,
प्रेम, बेहद खामोशी से,
तस्वीरें
ज़िंदा रहती है सदैव
और कहती रहती है
एक कहानी, एक इतिहास
बेहद खामोशी से ....
2 Reviews:
हाँ भाव का रूप ही तो है तस्वीर .
वाह ! क्या कहने !
तस्वीरों से अर्थ निकालती सुन्दर रचना।
बधाई एवं शुभकामनाऐं।
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