google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : दर्द देने वाले ही दवा दे रहे है

शुक्रवार, अप्रैल 08, 2016

दर्द देने वाले ही दवा दे रहे है

दर्द देने वाले ही दवा दे रहे है
दबे अलाव को हवा दे रहे है

2 Reviews:

kuldeep thakur on 9 अप्रैल 2016 को 10:55 am बजे ने कहा…

जय मां हाटेशवरी...
आपने लिखा...
कुछ लोगों ने ही पढ़ा...
हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...
इस लिये दिनांक 10/04/2016 को आप की इस रचना का लिंक होगा...
चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर...
आप भी आयेगा....
धन्यवाद...

Admin on 15 जुलाई 2019 को 10:34 pm बजे ने कहा…

Waah kya Baath ai. Gagar men Sagar.
Shayad ye bhi aapko pasand aaye: Congress grass in india & Salkhan fossil park

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