माघ माह का मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी शनिवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर दान का विशेष महत्व है। दान में तिल और गुड़ देना विशेष फल देने वाला माना जाता है। परंपरागत रूप से लोहड़ी पर लोग हवन का आयोजन करते है, जिसमें तिल, घी, मूंगफली की आहुति डाली जाती है। शिमला के उपरी क्षेत्रों में संक्रांति पर तिल के लड्डू बनाने की परम्परा है। लोहड़ी के अगले दिन मकर संक्रांति पर्व पर दान पुण्य को विशेष महत्व दिया जाता है। तिल और खिचड़ी के दान को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। घरों में संक्रांति के दिन तिल के व्यंजन और खिचड़ी बनाई जाती है। मकर संक्रांति पर लोग सूर्य पूजन कर पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। कहा जाता है कि माघ माह की पूर्णिमा में जो व्यक्ति ब्राह्मण को दान करता है, उसे ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। शिमला के समीप तत्तापानी जो लगभग 51 किलोमीटर है, में भी इस दिन दान पुण्य किया जाता है। यहां तुला दान का विशेष महत्व है। माघ माह के दौरान मनुष्य को कम से कम एक बार पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। माघ माह में सूर्य के मकर राशि में स्थित होने पर अवश्य तीर्थ स्नान करना चाहिए। माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष ऊर्जा प्राप्त होती है। वहीं शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है कि इस माह में पूजन तथा स्नान करने से भगवान नारायण को प्राप्त किया जा सकता है। शिमला से तत्तापानी धामी, बसंतपुर मार्ग से पंहुचा जा सकता है । बर्फ बारी के चलते मशोबरा सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने की स्थिति में इस मार्ग का प्रयोग किया जा सकता है। आम तौर पर मशोबरा बलदेंया से तत्तापानी पहुंचा जा सकता है।
गुरुवार, जनवरी 12, 2012
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3 Reviews:
रोशन जी
आपको मकर सक्रांति और नव वर्ष की शुभकामना. इस लेख के लिए साधुवाद.
लोहड़ी और मकर सक्रांति की कुछ बातें मैने भी लिखी हैं.. यहाँ देखें.. http://bit.ly/w4iYdn
जानकारी बढ गयी , मकर संक्रांति की बधाई ........
कुछ नई जानकारी मिली
आभार
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