मेल अन्यंत्र खोले जाने समस्या के मेरे आग्रह पर कल रात पाबला जी का मार्गदर्शन भरा फोन आया तो मैं बेहद ही आत्मबिभोर हो गया! पाबलाजी से पहली बातचीत ! पाबला जी ने आत्मियता और अपनत्व से मेरा मार्गदर्शन किया! पाबला जी मुझ जैसे नये ब्लोगर्स का सदैव ही मार्गदर्शन करते है यह पाबाला जी की सहृदयता है! पाबलाजी आपका आभार !
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2 Reviews:
पाबला जी ऐसे ही हैं, स्नेह से भरे हुए।
पाबला जी के स्नेह की चाशनी हमने भी चखी है और कई बार घंटों उन्हों ने हमारे तकनीकी अज्ञानता को झेलते हुए हमारी समस्या को सुलझाया है बिना चिड़े। पाबला जी को मेरा भी आभार
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" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !