हींग गर्म तीक्ष्ण वात कफ़ और शूल को नष्ट करती है और पित प्रकोपक होती है! यह रस मे कटु और उष्ण वीर्य होती है ! भोजन में रुचि उत्पन्न करती है! हींग को सौंफ़ के अर्क में देने से मूत्रावरोध में लभ होता है! हींग को पानी घोल कर नाक में उसकी बूंदे ढालने से आधा सीसी रोग में आराम मिलता है! हींग को पानी में उबाल कर इस पानी से कुल्ले करने से दांत का दर्द दूर होता है! अथवा दांत के पीले भाग मेम हींग भरने से दन्तकृमि नष्ट हो जाते है और दांत की पीड़ा मिट जाती है! हींग के सेवन से गर्भाशय की शुद्धि होती है मासिक धर्म साफ और समय से होने लगता है ! उदर वेदना को मिटाता है! निम्न चूर्ण को बना कर सेवन करने से अनेक रोगों में लाभ देने वाल होता है ! घी में सेंकी हुई हींग और काली मिर्च सेंधा नमक अजवाईन ज़ीरा सफेद और शाह ज़ीरा को समभाग में मिला कर चूर्ण बनाये ! थोड़ा चुर्ण भोजन से पूर्व खाने से अजीर्ण वायु हैजा आदि रोगों में आराम मिलत है! गर्म पानी के साथ मटर के बराबर हींग निगल जाने से उदरशूल अतिसार हिचकी और उल्टी में शीघ्र आराम मिलता है! कब्जियत के पुराने रोगियों के लिये हींग लाभदायक होत है! पेट दर्द होता हो तो हींग को थोड़े से पानी में मिला कर नाभि के आसपास और पेट पर इसका लेप लगाने से आराम मिलता है! बच्चों के पेत मरोड़ हो रहा हो तो नाभि के ऊपर लेप लगाने से बच्चे को आराम मिल जाता है ! हींग तो हींग है इसके क्या कहने.......
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शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010
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2 Reviews:
गुणकारी हींग के लाभ बताने के लिए आभार!
excellent.
kya aap mujhe yeh bataa sakte hain ki-heeng ko english main kya kehte hain???
thanks.
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