google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : महात्मा बुध

शुक्रवार, दिसंबर 18, 2009

महात्मा बुध


बोध साहित्य के  अनुसार बुध दरअसल बोधिसत्व  नाम की आत्मा है , जिन्होंने सम्यक  ज्ञान प्राप्त करने के लिए डेड सौ साल ज्यादा बार अलग अलग रूपों में जन्म लिया ! इनमें 28  बार बोधिसत्व को ज्ञान मिला ! सर्वश्रेष्ठ ज्ञान 28  वीं बार में सिद्धार्थ गौतम को मिला इसलिए इनेह सम्मास्सम बुध यानि सर्वश्रेष्ठ भी कहा जाता है ! शाक्य वंश में होने के कारण इन्हें शाक्य बुध भी कहते है !
जैसे हिन्दू धर्म में कल्कि अवतार की धरना है यानि कलियुग में विष्णु का एक और अवतार होगा उसी तरह बोधसत्व एक बार फिर अवतार लेंगे ऐसा बोध धर्म में माना जाता है ! बोधसत्व अगली बार मैत्रेय   बोधिसत्व के रूप में आएंगे और मैत्रेय बुध बनकर भटकते हुए विश्व को एक बार फिर ज्ञान का प्रकाश देंगे !

2 Reviews:

Udan Tashtari on 19 दिसंबर 2009 को 5:49 am बजे ने कहा…

आभर जानकारी का.

Bhanu pratap joshi on 13 जुलाई 2010 को 9:14 pm बजे ने कहा…

buddh mere aadarsh hai . ye baat aap se prapt hui

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