कहाँ तो तुम
देख रही हो न
वेदना,
असहाय प्रयास
धीरे धीरे
समाप्त होता जीवन,
खत्म होती जिजीविषा,
एकाकी होते रिश्ते,
धूमिल होते नाते,
तुम देख रही हो न माँ....
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