यूँ तो परिचितों, अपरिचितों के फोन आते ही रहते हैं। प्रसन्नता तब ज्यादा बढ़ जाती है जब किसी अपरिचित का फोन आये और कविताओं पर बात करें। आज शाम मोबाईल पर फोन आया नम्बर अपरिचित सा था मेरा परिचय जाना, कविताओं पर बात की और बताया आपकी काव्य पुस्तक 'ननु ताकती है दरवाज़ा' आज खरीदी और कविताएं पढ़ी। प्रसन्नता हुई। ये कॉल दिल्ली से थी और उन्होंने अपना नाम अमित बताया। आभार मित्र।
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