google.com, pub-7517185034865267, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आधारशिला : फोन आते ही रहते हैं

शनिवार, अप्रैल 07, 2018

फोन आते ही रहते हैं

 #अधूरे_पन्ने

यूँ तो परिचितों, अपरिचितों के फोन आते ही रहते हैं। प्रसन्नता तब ज्यादा बढ़ जाती है जब किसी अपरिचित का फोन आये और कविताओं पर बात करें। आज शाम मोबाईल पर फोन आया नम्बर अपरिचित सा था मेरा परिचय जाना, कविताओं पर बात की और बताया आपकी काव्य पुस्तक 'ननु ताकती है दरवाज़ा' आज खरीदी और कविताएं पढ़ी। प्रसन्नता हुई। ये कॉल दिल्ली से थी और उन्होंने अपना नाम अमित बताया। आभार मित्र।

0 Reviews:

एक टिप्पणी भेजें

" आधारशिला " के पाठक और टिप्पणीकार के रूप में आपका स्वागत है ! आपके सुझाव और स्नेहाशिर्वाद से मुझे प्रोत्साहन मिलता है ! एक बार पुन: आपका आभार !

 
ब्लोगवाणी ! INDIBLOGGER ! BLOGCATALOG ! हिंदी लोक ! NetworkedBlogs ! हिमधारा ! ऐसी वाणी बोलिए ! ब्लोगर्स ट्रिक्स !

© : आधारशिला ! THEME: Revolution Two Church theme BY : Brian Gardner Blog Skins ! POWERED BY : blogger