इस ब्लोग पर काफ़ी समय से मात्र एक प्रारम्भिक रचना अखर रही थी सोचा कुछ लिखा जाये! क्या लिखा जाये यही सोचता रहा! अन्ततः ब्लोगिग कैसे शुरु की इस पर ही कुछ लिखा जाये! आस पास ब्लोगिग का वातावरण नहीं था! लोगों के ब्लोग देखता पढता! आपना ब्लोग कब और कैसे शुरु किया जाये कुछ मालूम नहीं! अध्यापन से जुडा होने के कारण संघ का ब्लोग बना हुआ था! संघ की सभी सूचनायें इसी पर मिलती थी! तो प्रधान जी से पूछा की कैसे ब्लोग बनाया जाये! उन्होने पूरी जानकारी दी! और अपने स्कूल का ब्लोग बना डाला! साहित्यिक अभिरुचि होने के कारण आपना ब्लोग भी बना दिया! ब्लोगिग की पहली कक्षा मे प्रवेश तो हो गया! अब अध्यय्न शुरू किया गया! गूगल पर जा कर टाईप किया ब्लोगिग हिन्दी टिप्स तो जो मिला वो प्यासे को पानी की तरह था वह ब्लोग था अशीष खाण्डेलवाल जी का! पढना शुरु किया तो ब्लोगिग की वास्तविक शिक्षा शुरु हो गई! हिन्दी टिप्स से वो सभी कुछ सिखा जो मैं आज थोडा कुछ कर पाता हूं! धन्यवाद टिप्स यात्रा ! चलती रही और अनेक ब्लोग पढता गया ! इसमें मै अपने ब्लोग पर रचनाये कम ही दे पाया परन्तु मुझे ब्लोगिग की शिक्षा मिलती चली गई! यह सिलसिला अभी भी जारी है! यह ब्लोग वाणी बनाने के पीछे कारण था की हिन्दी के अच्छे और प्रेरणादायक , साहित्यिक शैक्षिक ब्लोग पर लिखा जाये परन्तु जब अन्तर्जाल पर विचरण करता रहा तो पाया की ऐसे ब्लोग तो पहले से ही बने है और उन पर अच्छी जानकारी उपलब्ध है तो मैं एक नया ब्लोग बना कर क्या करुगा! सोचा डिलीट कर दिया जाये ! तो सरिता जी की एक टिप्पणी पर नज़र पडी तो विचार त्याग कर कुछ लिखने का मन बन लिया! यह ब्लोग मेरे एक मित्र ने बनाया था मज़ाक मज़ाक में, मज़ाक मज़ाक में स्वागत भी हो गया और ये कथा भी लिख दी! किसी ने बताया कि इन्टरनेट से आमदनी भी हो सकती है! और मैं कहां पहुच गया यह अगली बार! खैर आज के लिये इतना ही फ़िर मिलता हूं एक नये ब्लोग की चर्चा के साथ जिसने मुझे प्रेरित किया!
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